ताजा खबरेंराजनीति

जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा में बन्ना गुप्ता अपने प्रतिद्वंदियों पर भारी, जीत का समीकरण पक्ष में

श्री दर्पण न्यूज़, जमशेदपुर : जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा की सीट पर कांटे के मुकाबले के बीच कांग्रेस प्रत्याशी इंडिया गठबंधन समर्थित उम्मीदवार बन्ना गुप्ता ने निर्णायक बढ़त बना ली है। इस क्षेत्र के लोगों की माने तो बन्ना गुप्ता ने मंत्री का कभी रौब नहीं दिखाया और आम लोगों के बीच हमेशा बने रहे। वैसे पिछले इलेक्शन में उनके प्रबल प्रतिद्वंद्वी सरयू राय ने निर्दलीय प्रत्याशी (जमशेदपुर पूर्वी), तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को परास्त कर जीत का परचम लहराया था। इसको लेकर सरयू राय राष्ट्रीय स्तर पर काफी चर्चा में आ गए थे। उसके बाद से उन्होंने जमशेदपुर पूर्व में अपनी जमीन बनानी शुरू की और पश्चिम पर ध्यान नहीं दिया। वे जमशेदपुर पूर्वी के लोगों से मिलते रहे और जो भी विकास के कार्य हुए कम या अधिक, वे पूर्वी में ही हुए । वहीं दूसरी ओर बन्ना गुप्ता ने पश्चिम विधानसभा से जीत तो दर्ज की ही थी, मंत्री भी बने और इस क्षेत्र में काफी काम भी किया है। उन्होंने अपनी तैयार की हुई जमीन को मजबूती प्रदान की और अब इतने मजबूत हैं कि शायद उनके मुकाबले इस क्षेत्र का कोई प्रत्याशी खड़ा नहीं हो पाएगा। लोग चाहे जो भी कहें हकीकत ऐसा ही माना जा रहा है।

इस चुनावी रेस में बन्ना गुप्ता आगे

बन्ना गुप्ता जीत की रेस में सबसे आगे बताये जा रहे हैं। बन्ना गुप्ता की मजबूती का केवल यही एक कारण नहीं है। इसके और भी कई कारण है। उन्होंने जमशेदपुर पश्चिम के मुस्लिम बहुल इलाके में भी काफी काम किया है। मुसलमानों का हर मौके पर उन्होंने साथ दिया है और वह उनके बीच काफी लोकप्रिय भी हैं। जहां भी वैसे लोगों को जरूरत पड़ी बन्ना गुप्ता ने धनजन से भी लोगों की मदद की। इसके अलावा बन्ना गुप्ता वैश्य बिरादरी से आते हैं उनका समर्थन भी उन्हें मिल रहा है।  बताया जाता है कि ब्राह्मणों और राजपूतों का एक बड़ा वर्ग भी मजबूती से उनके साथ खड़ा है। साथ ही पिछड़े वर्ग की एक बड़ी संख्या इस क्षेत्र में बन्ना गुप्ता के साथ है। ऐसे में उनकी जीत एक तरह से सुनिश्चित मानी जा रही है। दूसरी ओर सरयू राय उनके प्रबल प्रतिद्वंद्वी हैं। एनडीए समर्थित उम्मीदवार तो वे जरूर है लेकिन उनका सिंबल एक निर्दलीय प्रत्याशी की तरह है। कमल का सिंबल उन्हें जीत के जरूर करीब ले जाता लेकिन वह भी उनके साथ नहीं है चाहे जितना भी प्रचार कर लिया जाए की सिलेंडर और कमल एक हैं लेकिन लोगों के बीच इसको लेकर काफी अंतर्द्वंद है।

सरयू राय या बन्ना गुप्ता ??

बहुत लोग तो समझ ही नहीं पा रहे हैं की कमल और सिलेंडर क्या है। ऐसे में यह एक बहुत बड़ी कमजोरी सरजू राय के लिए साबित हो सकती है। इसके अलावा भाजपा के और भी ऐसे कारगर उम्मीदवार थे जिन्हें सरजू राय की वजह से टिकट नहीं मिला है। वैसे तो ये सरयू राय के साथ दिखते जरूर हैं लेकिन मन से वह उनके साथ नहीं है जो उनकी हार का कारण बन सकता है।  इसके अलावा उन्होंने अपनी जमीन तैयार नहीं की, लोगों से मिलना जुलना भी नहीं के बराबर रहा, ऐसे में वे लोगों के बीच अपनी पकड़ नहीं बना पाए हैं।

बन्ना गुप्ता की भी एक कमजोर कड़ी जरूर है और वह है अरशदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के उम्मीदवार बाबर खान का निर्दलीय रूप में चुनाव मैदान में उतरना। मुसलमानों का वोट अगर बढ़ता है तो इसका नुकसान सीधे बन्ना गुप्ता को होगा। लेकिन छनकर जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक मुस्लिम समुदाय अपना वोट बर्बाद करने को तैयार नहीं है वह इस बात को अच्छी तरह जानता है की बाबर को वोट देने का मतलब है कि उनका वोट व्यर्थ जाएगा क्योंकि बाबर जीत नहीं सकते हैं ऐसे में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने करीब करीब यह मन बना लिया है कि वह बन्ना गुप्ता को ही अपना वोट देंगे। यह भी उनकी जीत का कारण बन सकता है।

दूसरी ओर सरयु राय की बात करें तो उनके खिलाफ भाजपा के दो बागी उम्मीदवारों ने अपने पैर जमा लिए है। निर्धन प्रत्याशी विकास सिंह और शंभू नाथ चौधरी बड़े पैमाने पर सरयु राय को नुकसान पहुंचा सकते हैं। विकास सिंह की बात है तो उनकी अच्छी खासी पैठ है और वह बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। वहीं शंभू नाथ चौधरी की भी स्थिति अगर अच्छी है तो वह भी मुस्लिम समुदाय से इतर है इसलिए इसका भी नफा नुकसान सरयु राय को ही सहना होगा ऐसे में उनकी जीत की संभावना तो नहीं ही बनती है। हालांकि सरयु राय के समर्थन में गृहमंत्री अमित शाह आए और भी बिहार के कई नेताओं जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा केंद्रीय मंत्री ललन सिंह समेत पार्टी के कई वरीय पदाधिकारी सरयु राय के समर्थन में जमशेदपुर पहुंचे लेकिन लड़ाई तो सरयु राय को ही लड़नी होगी। साथ ही जहां तक जनता दल यूनाइटेड की जमशेदपुर इकाई की बात है तो ऐसा कोई संगठन ही नहीं है सरयु राय पूरी तरह से भाजपा के समर्थन पर टिके हैं। अलग बात है कि एनडीए गठबंधन द्वारा जमकर समर्थन की बात कहीं जा रही लेकिन कभी भी सरयू राय के प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी का कोई कदवार नेता शामिल नहीं हुआ । अब सरयु राय को भीतर घात से भी निपटना है । इस चुनाव में उनकी कामयाबी पर प्रश्न चिन्ह खड़ा है। अब सरयु राय के व्यक्ति विशेष की बात करें तो वह काफी धीर और गंभीर व्यक्तित्व वाले  हैं। एक तो उम्र का असर और दूसरा उनके पहचानने की क्षमता भी धीमी पड़ने लगी है । कई लोगों ने यहां तक कहा कि वे कई बार परिचय देने के बाद भी पहचानते नहीं है। हालांकि समय को कोई जानता नहीं है और कभी भी कुछ हो सकता है लेकिन वर्तमान परिस्थितियां बन्ना गुप्ता को जीत की सीमा में खड़ी कर चुकी है।

चुनाव में ऊंट किस करवट बैठता है, यह तो समय बताएगा!!!

इतना तो जरूर माना जा रहा है की बन्ना गुप्ता जीत की ओर अग्रसर हैं। चुनाव कम्पेनिंग के दौरान भी बन्ना गुप्ता के साथ काफी भीड़ रही। उनके नेता भी प्रचार प्रसार के लिए जरूर आए। बिहार से पप्पू यादव (कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता) और प्रमुख राहुल गांधी ने भी जमशेदपुर पश्चिम में गांधी मैदान में एक चुनावी सभा को संबोधित किया। इसके अलावे बन्ना गुप्ता का अपना व्यवहार और सबसे मिलने की उनकी तेहज़ीब उन्हें जीत के करीब पहुंचा रही है।

Share This News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *