जमशेदपुर पूर्वी से भाजपा प्रत्याशी पूर्णिमा साहू और कांग्रेस के डॉ अजय कुमार के बीच काटे की टक्कर, आदमी की जगह बकरी को भी भाजपा टिकट दे तो, उसे भी जितायेंगे : भाजपाई
श्री दर्पण न्यूज, जमशेदपुर : जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में उड़ीसा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू और भाजपा प्रत्याशी पूर्णिमा साहू कांग्रेस प्रत्याशी डॉक्टर अजय कुमार के बीच काटे की टक्कर है. हालांकि मतदाता अभी से ही पूर्णिमा साहू को विजेता बता रहे हैं.
परम्परागत सीट का फायदा मिलेगा पूर्णिमा साहू को
दरअसल जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी का गढ़ रहा है. लंबे अंतराल से रघुवर दास ने इस परंपरागत भाजपा के सीट का प्रतिनिधित्व किया. उनके पहले दीनानाथ पांडे जमशेदपुर पूर्वी से विधानसभा के सदस्य रहे. वह समय संयुक्त बिहार का था. पिछले चुनाव में निर्दल प्रत्याशी के तौर पर सरयू राय को जीत मिली थी और उन्होंने रघुवर दास को पछाड़कर इस परंपरागत बीजेपी सीट को हथिया लिया था. लेकिन वह समय कुछ और था और अभी काफी कुछ बदल चुका है.
समय के साथ बदल गयी है वोटरों की सोच
आज तो स्थिति यह है कि जमशेदपुर पूर्वी में लोग डॉक्टर अजय को तहेदिल से स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं. इसकी वजह केवल यह है कि उनमें आज भी ब्यूरोक्रेसी है. नौकरशाही उन में कुटकुट कर भरी है. आम लोगों से चाह कर भी वे सामान्य नहीं हो पाते हैं. कई मौके पर उनमें झुझलाहट और अकड़पन देखी जाती है जो की सामान्य जनता को नागवार लगता है. इसके अलावे कांग्रेस में एक जुटता की कमी है. डॉ अजय को प्रत्याशी बनाये जाने से पुराने कांग्रेसी भीतर ही भीतर नाराज चल रहे हैं. जो मन से उनका सहयोग नहीं कर रहे हैं. पूर्वी में इंडिया गठबंधन वाला प्रमुख दल झामुमो में डॉ अजय को लेकर उदासिनता जैसी स्थित लगती है. जो उनके पिछड़ने का कारण है.
पूर्णिमा के व्यक्तित्व से प्रभावित हैं वोटर
दूसरी ओर पूर्णिमा साहू एक मिलनसार महिला है. बड़े बुजुर्गों का पैर छूने में थोड़ा भी संकोच नहीं करती है. मृदभाषी होने के साथ-साथ उसके अपने ससुर रघुवर दास द्वारा किये गये अच्छे कार्यों का भी उन्हें फायदा मिलेगा. इसके अलावा एनडीए गठबंधन समर्थन में है. पूर्वी जमशेदपुर एरिया में आजसू के प्रभावशाली नेता चंद्रगुप्त सिंह खुलकर तहे दिल से पूर्णिमा साहू का समर्थन कर रहे हैं. वे रघुवर दास के काफी करीबी भी बताए जाते हैं.
मजबूती के साथ चुनाव लड़ रही भाजपा
जहां तक भाजपा की बात है तो वह एक मजबूत संगठन है. जमशेदपुर पूर्वी में उसके हजारों कार्यकर्ता तन मन धन से पूर्णिमा साहू के साथ खड़े हैं. वे इस प्रयास में है कि उनके प्रतिनिधि चुने जाएं. हालांकि पूर्णिमा साहू को बड़ी क्षति भाजपा के बागी उम्मीदवार निर्दलीय शिव शंकर सिंह पहुंचा रहे हैं. भाजपा के बागी दूसरे उम्मीदवार राजकुमार सिंह जैसे प्रभावहिन लग रहे हैं.
कमजोर पड़ती निर्दल शिवशंकर व राजकुमार की चुनौती
पूर्वी जमशेदपुर के आम भाजपाइयों और लोगों की माने तो शिव शंकर सिंह और राजकुमार सिंह को वोट देकर वे लोग अपना वोट खराब नहीं करना चाहते हैं. वे हर हाल में भाजपा यानि कमल के निशान को ही सपोर्ट करेंगे और वोट देंगे. परंपरागत भाजपाई रहे हैं चंद्रकांत सिंह नाम के गोलमुरी निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि यह तो पूर्णिमा साहू है, कोई बकरी भी इस क्षेत्र से भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़ती तो वे लोग उसी को वोट देते हैं. दूसरे को वोट देकर वे लोग अपना वोट कभी खराब नहीं करेंगे.
पूर्णिमा की जीत का वोटरों ने किया दावा
ऐसी स्थिति में शिव शंकर सिंह और राजकुमार की सिंह की चुनौती काफी कमजोर पड़ गई है. लोगों की मां ने तो पूर्णिमा साहू निश्चित रूप से जीतेंगी. डॉक्टर अजय से उनका मुकाबला जरूर है लेकिन डॉक्टर अजय ने ना तो पूर्वी जमशेदपुर में प्रभावशाली रूप से काम किया है और ना ही वे लोगों के दुख सुख में साथ रहे हैं, बल्कि जब वे टाटा मोटर्स में सर्विस करते थे, उस समय कम्पनी द्वारा बनायी गयी पॉलिसी से स्थानीय लोगों को काफी क्षति पहुंची थी. बहुत सारे ऐसे निर्णय डॉक्टर अजय कुमार की सहमति से लिये गये जिसे टाटा मोटर्स के वर्कर अहितकर मानते हैं. आज भी उन्हें अजय कुमार द्वारा लिए गए निर्णय का दंस झेलना पड़ रहा है.