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कन्वाई चालकों की एडीएम लॉ एण्ड ऑडर से वार्ता सफल, 10 दिनों के अंदर निकाल लिया जायेगा समाधान, दही चुड़ा खाकर कन्वाई चालकों ने अपनी सफलता की शुरुवात की

श्री दर्पण न्यूज, जमशेदपुर : जमशेदपुर के एडीएम लॉ एंड ऑर्डर से वार्ता के बाद मिले सकारात्मक आश्वासन से उत्साहित कन्वाई चालकों ने डीसी ऑफिस के सामने दही चूड़ा खाकर आरंभिक सफलता की शुरुवात की. कंवाई चलाक संघ के प्रतिनिधि ज्ञान सागर ने बताया की एडीएम ने प्रतिनिधिमंडल को अस्वस्थ किया कि उन लोगों की मांगों पर बहुत जल्द निर्णय लिया जाएगा और उनकी सभी मांगे जायज हैं. उन्होंने इतना तक कहा कि 10 दिनों के अंदर उनकी लोगों पर वार्ता के बाद निर्णय ले लिए जाएंगे.  एडीएम के अनुकुल आश्वासन से कन्वाई चालक के प्रतिनिधियों में उत्साह था. हालांकि उनमें वर्तमान अनुमंडल दंडाधिकारी धालभूम शताब्दी मजूमदार के खिलाफ नाराजगी थी.

वर्तमान एसडीओ की वजह से मामला पेचिदा बना

कन्वाई चालक प्रतिनिधियों का कहना था की पूर्व अनुमंडल दंडाधिकारी पारुल सिंह ने उनकी मांगों का पूरी तरह समर्थन किया था और एक संतोषजनक समझौते पर सहमती भी बनी थी. लेकिन परिस्थिति बदली और इस समझौते के तुरंत बाद ही पारुल सिंह का तबादला कर दिया गया और शताब्दी मजूमदार ने नए अनुमंडल दंडाधिकारी का पदभार संभाला. पदभार संभालते ही उन्होंने पारुल सिंह द्वारा लिए गए निर्णय को पूरी तरह निरस्त कर दिया और कन्वाई चालकों के पिछले 10 माह से चल रहे हैं धरना को अवैध करार दिया. उन्होंने यहां तक कह दिया कि उनकी मांगे जायज नहीं हैं. ज्ञान सागर का कहना था की शताब्दी मजूमदार कंपनी के पक्ष में बात कर रही थी. मजदूर और कन्वाई चालकों के हितों की पूरी तरह अनदेखी की गई. एक प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर उन्होंने अपनी जवाबदेही का निर्वहन नहीं किया. जिसकी वजह से कन्वाई चालकों की समझौता कार्रयांवित नहीं हो सका.

वार्ता के बाद निष्कर्ष पर पहुंचे एडीएम

इसके पहले अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कन्वाई चालक संघ आज दिन के 11:00 बजे डीसी ऑफिस पहुंचा. डीसी ने उनसे वार्ता के लिए एडीएम ला एण्ड आर्डर को अधिकृत किया. एडीएम लॉ एंड ऑर्डर ने कंवाई चालकों की पूरी बातें सुनी.  उनकी बातों को समझने के बाद उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि कंवाई चालकों की मांगे जायज हैं .  टाटा मोटर्स प्रबंधन को उनकी मांगों पर यथोचित निर्णय लेना होगा. एडीएम लॉ एण्ड ऑर्डर ने आस्वस्थ किया कि 10 दिनों के अंदर कन्वाई चालकों की समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा.

शहर पहुंचे राज्य के श्रम मंत्री संजय कुमार यादव

दूसरी ओर इस बात की गंभीर चर्चा थी कि आज झारखंड सरकार के श्रम नियोजन मंत्री संजय कुमार यादव जमशेदपुर पहुंच रहे हैं. एक निजी कार्यक्रम के तहत शादी समारोह में हिस्सा लेंगे. उसके बाद उनकी जिला प्रशासन के साथ बैठक भी हो सकती है. हालांकि कंवाई चालक एडीएम लॉ ऑर्डर से मिले आश्वासन से पूरी तरह संतुष्ट दिखे और उन्होंने लेबर मिनिस्टर से मिलने में बहुत रुचि नहीं दिखाई. उनका कहना था कि वे एडीएम लॉ एण्ड ऑर्डर बातों से पूरी तरह सहमत हैं. बहुत जल्द इस संबंध में कंपनी प्रबंधन, जिला प्रशासन और कन्वाई चालकों के प्रतिनिधियों के साथ त्रिपक्षीय वार्ता के बाद इसका समुचित समाधान निकाल लिया जाएगा.

कन्वाई चालकों की मांगे और उनका प्रतिपरीक्षण

मजदूर प्रतिनिधि, ज्ञान सागर प्रसाद द्वारा बताया गया कि कान्चाई चालकों को उनके कार्य का भुगतान नगद से किया जाता है। जबकि उनकी मांग है कि उनके कार्य का भुगतान डिजिटल विधि से किया जाय. उन्होंने शिकायत किया कि टाटा मोर्टस के अन्दर ऑल इंडिया कान्वाई यूनियन का अवैध रूप से संचालित किया जा रहा है। परन्तु टाटा मोर्टस द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा ऐसा कोई ऑफिस का संचालन नहीं किया जा रहा है. अविनाश ठाकुर, श्रम अधीक्षक, पूर्वी सिंहभूम, जमशेदपुर द्वारा बताया गया कि ऑल इंडिया कान्वाई यूनियन का रजिस्ट्रेशन समाप्त हो चुका है और इनके द्वारा पुनः रजिस्ट्रेशन के लिए सम्पूर्ण कागजात जमा नहीं किया गया है। ज्ञान सागर प्रसाद द्वारा बताया गया कि टाटा मोर्टस द्वारा कान्वाई ड्राईवरों का इन्सोयरेंस नहीं किया जाता है।

टाटा मोटर्स प्रबंधन ने कहा कन्वाई चालक नहीं हैं उनके इम्पलायी

इस पर टाटा मोर्टस द्वारा बताया गया कि कान्वाई ड्राईवर उनके Employee नहीं है और उनके बीच कोई Employer employee का संबंध नहीं है। ज्ञान सागर ने यह भी मांग रखी कि  अतिकुशल मजदूर श्रेणी के हित्ताब से उनका भुगतान नहीं हो रहा है। इस पर अविनाश ठाकुर, श्रम अधीक्षक, पूर्वी सिंहभूम, जमशेदपुर द्वारा बताया गया कि कुशल मजदूर की श्रेणी के अनुसार इन लोगों को मजदूरी दर दिया जा रहा है। जिस पर आपत्ति जताते हुए मजदूर प्रतिनिधि ज्ञान सागर प्रसाद द्वारा अनुरोध किया गया है कि कान्चाई चालकों को अतिकुशल श्रेणी में दर्जा दिया जाय। पूर्व में भी इस दिशा में कार्य किया गया था एवं मोटरयान निरीक्षक द्वारा टाटा मोर्टस को प्रतिवेदन भी दिया गया है, जिसका उत्तर अभी तक टाटा मोर्टस से अप्राप्त है।

 

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