धर्म

समर्थ गुरु मैत्री संघ आयोजित करने जा रहा तीन दिवसीय प्रथम साधना तल ध्यान योग शिविर का श्रीनाथ पब्लिक स्कूल, आदित्यपुर में आयोजन

 श्री दर्पण न्यूज,  जमशेदपुर : आगामी 30,31 मई और 1 जून तक समर्थ गुरु मैत्री संघ द्वारा लौहनगरी जमशेदपुर में तीन दिवसीय ध्यान शिविर का प्रथम साधना तल ध्यान योग का आयोजन श्रीनाथ पब्लिक स्कूल, आदित्यपुर के ऑडिटोरीयम में होने जा रहा है। कुछ शुल्क के साथ इस शिविर में रहने-खाने तक की व्यवस्था की गई है. अधिक से अधिक लोग इस शिविर में भाग लेकर इसका लाभ उठा सकते हैं. इसकी जानकारी आज एक प्रेसवार्ता में स्वामी ज्ञानअमृत, स्वामी शिवानंद, स्वामी प्रकाशानंद ने संयुक्त रुप से दी. इस प्रेसवार्ता में स्वामी आनंद, स्वामी सुशील और स्वामी आनंद वैभव भी मौजूद थे. स्वामी ज्ञानअमृत ने आगे बताया कि  हम सभी एक स्वस्थ, सफल, तनाव मुक्त एवम् आनंदित जीवन जीना चाहते हैं। ये चाहत हम सब के भीतर है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने की कला सीखने का एक अनोखा अवसर हम सब के लिए उपलब्ध है।

शिविर में पूरब के योग एवम् पश्चिम के मनोविज्ञान का पायेंगे अनूठा संगम 

स्वामी जी ने बताया कि ध्यान योग कार्यक्रम में आप पूरब के योग एवम् पश्चिम के मनोविज्ञान का अनूठा संगम पाएंगें । आत्म रूपांतरण की दिशा में उठाए गए आज के ये कदम जीवन के लिए अनमोल रत्न की भांति साबित होंगे । ओशो कहते हैं कि ध्यान इस जगत में सर्वाधिक बहुमूल्य है। क्योंकि ध्यान अर्थात मौन। ध्यान अर्थात निर्विचार । ध्यान अर्थात एक शून्य चैतन्य की अवस्था, जब चैतन्य तो पूरा होता है, लेकिन चैतन्य के समक्ष कोई विषय नहीं होता, कोई विचार नहीं होता। बस चैतन्य मात्र! उस चैतन्य की घड़ी में तुम जानोगे-तुम नहीं हो, परमात्मा है।

भीतर शून्य का संगीत बजता है, उस दिन आता वह प्यारा 

स्वामी जी ने बताया कि जिस दिन तुम्हारे भीतर शून्य का संगीत बजता है, उस दिन वह प्यारा आता है। उसे आना ही पड़ता है. उस संगीत को सुनकर जीवन की परम गहराईयाँ तुम्हारे तरफ दौड़ती है। जीवन आनंद की खोज है. अगर हम अपने भीतर टटोंलें तो गहरे में पाएंगे कि अंतस में आनंद की एक गहरी आकांक्षा है, अभीप्सा है। जब सभी जीवन में आनन्द को खोज रहे है तो आनन्द मिलता क्यों नही? क्यों कि हमारी खोज गलत है। हम आनन्द को बाहर खोज रहे हैं। आनंद बाहर नहीं, स्वयं के भीतर है। ध्यान योग एवं सुरति योग का आयोजन इसी आनंद को पाने के लिए है। अंत में उन्होंने संदेश के तौर पर कहा कि, ना तो छोडना जग है यारों, ना तो जंगल को है जाना । ध्यान समाधि की धूनी से घर-घर में है अलख जगाना ।

बुकिंग के लिए कर सकते हैं संपर्क 

इच्छुक व्यक्ति ध्यानयोग में शामिल होने के लिये निम्न में दिये गए नंबरों पर बुकिंग के लिए संपर्क कर सकते हैं. आचार्य ज्ञानअमृत जी – 9431750122, स्वामी आनंद वैभव जी 09835317695, आचार्य बोध सुशील जी – 080929844484, स्वामी कुमार जीवेश जी . जहां तक शुल्क विवरण की बात हैं विद्यार्थीयों एवं पुनः भाग लेने वालों के लिए 2500/- रुपया मात्र, नॉन रेसीडेंसियाल के लिए 3500/- रुपया मात्र, रेजिडेन्शल के लिए 4000/- रुपया मात्र

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