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निशान सिंह ने कहा कुछ कथित सलाहकारों के दबाव सीजीपीसी कर रही है संगत और प्रशासन को गुमराह

श्री दर्पण न्यूज़, जमशेदपुर : साकची गुरुद्वारा में प्रधान पद के उम्मीदवार और कार्यकारी प्रधान सरदार निशान सिंह ने चुनाव को लेकर सीजीपीसी पर भ्रांति फैलाने और दिग्भ्रमित करने तथा संगत और जिला प्रशासन को गुमराह करना का गंभीर आरोप लगाया है।

साकची कमिटी और सीजीपीसी सामने- सामने, आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी

शनिवार को एक बयान जारी कर निशान सिंह ने सीजीपीसी पर आरोप लगाया है कि वे अपने कुछ सलाहकारों की सरपरस्ती में भगवान सिंह कुछ भी तथ्यहीन झूठी अफवाहें फैलाने का काम कर रहे हैं, जो बहुत अफ़सोसजनक बात है। निशान सिंह ने कहा, उन्हें समाचारों के मार्फ़त पता चला कि सीजीपीसी ने एक ख़बर प्रकाशित करवाई है कि जिले के उपायुक्त ने उन्हें (सीजीपीसी) को चुनाव कराने की अनुमति दी है। जो कि सरासर ग़लत ख़बर है क्योंकि उपायुक्त ने यह कभी भी नहीं कहा है कि सीजीपीसी की देखरेख में चुनाव होगा।

निशांत सिंह ने डीसी से की फोन पर बात

इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर उन्होंने (निशान सिंह) जब डीसी कर्ण सत्यार्थी से दूरभाष पर बात की और अपना पक्ष मजबूती से रख साकची गुरुद्वारा कमेटी के संविधान अनुसार चुनाव कराये जाने वाली सच्चाई से उन्हें अवगत कराया, तब इस पर उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने कहा, जिला प्रशासन कानून व्यवस्था को सुचारूरूप से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है और चुनाव के दौरान प्रशासन द्वारा मजिस्ट्रेट को भी नियुक्त करने का आदेश पारित करेगी।
निशान सिंह ने कहा, जिला के उपायुक्त के साथ दूरभाष पर हुई बातचीत के आधार पर चुनाव साकची गुरुद्वारा साहिब के निबंधित संविधान अनुसार ही करवाया जाएगा और चुनावी प्रक्रिया से संबंधित जो भी कार्यकलाप होंगे इसी संविधान के तहत ही किए जाएँगे और चुनावी कार्यवाही तथा प्रक्रिया जहाँ से रुकी थी वहीं से फिर से आरम्भ करायी जाएगी।

भगवान सिंह पर बोला हमला, साकची गुरुद्वारा के चुनाव में इतनी रुचि क्यों ले रहे हैं भगवान सिंह

सीजीपीसी के प्रधान भगवान सिंह पर शाब्दिक हमला बोलते हुए कहा की उन्हें साकची के चुनाव में आखिर ऐसी क्या दिलचस्पी है इसका खुलासा करें भगवान सिंह, यह अभी तक रहस्य बना हुआ है। सीजीपीसी की नियत पर साकची गुरुद्वारा के ट्रस्टी भी उँगली उठा चुके हैं। निशान सिंह ने कहा कि उनकी सेवा भावना और लोकप्रियता से घबराकर सीजीपीसी द्वारा विरोधी पक्ष के दबाव में चुनाव को केवल एक मंशा के तहत जबरन रोका जा रहा है और नहीं होने दिया जा रहा है।

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