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साकची मेन रोड शॉप संख्या 22 में लीज की शर्तों का खुलेआम किया गया उल्लंघन, जेएनएसी के नाक के नीचे कराया गया है अवैध निर्माण, दुकान के सामने की सरकारी जमीन का अतिक्रमण कर अवैध रूप से वाहनों की कराई जा रही पार्किंग

श्री दर्पण न्यूज़, जमशेदपुर : साकची बाजार मेन रोड स्थित शॉप और होल्डिंग नंबर 22 जिसका क्षेत्रफल 20 /30 है और जो हसमुख मेहता के नाम से आवंटित है, इस प्लॉट पर होल्डिंग की शर्तों का खुलेआम उल्लंघन किया गया है। शर्तों के मुताबिक इस प्लॉट का नक्शा जी प्लस वन का है, लेकिन बेसमेंट, प्लस ग्राउंड, प्लस साढे तीन फ्लोर का अवैध निर्माण कराया गया है। लिज की शर्तों के मुताबिक नीचे दुकान और प्रथम तल्ले पर रेजिडेंस का प्रोविजन है, लेकिन पूरे प्लॉट को कमर्शियल साढे तीन तल्ले तक बना दिया गया है। इसमें बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर अतिरिक्त है। इस तरह इस पूरे प्लॉट पर साढे पांच ताले का कमर्शियल भवन बना दिया गया है।

शॉप के सामने सरकारी जमीन अतक्रिमित कर किया जा रहा पार्किग के रुप में इस्तेमाल

इतना ही नहीं दुकान के सामने की सरकारी जमीन का भी अतिक्रमण कर कर लिया गया है। यह पूरा भवन एक प्राइवेट बैंक कोटक महिंद्रा को ₹500000 (पांच लाख रुपये) प्रति माह के किराए पर दिया गया है। टाटा लिज के शर्तों के मुताबिक किराए पर दिए गए कमर्शियल भवन का 25 फ़ीसदी टाटा लैंड डिपार्मेंट को वसूल करना है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक टाटा लैंड डिपार्मेंट भी पीछे के दरवाजे से हाथ साफ करता है और शर्तों के अनुरूप 25 फ़ीसदी टैक्स की वसूली नहीं की जाती है। जिससे टाटा लैंड डिपार्मेंट के साथ-साथ सरकार को भी भारी राजस्व की क्षति पहुंच रही है। क्योंकि इसका कुछ हिस्सा राज्य सरकार को भी दिया जाता है. इस शॉप के बेसमेंट में बैंक द्वारा लॉकर का निर्माण कराया गया है और उसका उपयोग किया जा रहा है। कार्यालय के सामने सरकारी जमीन का अतिक्रमण कर दो पहिया वाहन खड़े किए जाते हैं। यहां सुबह से शाम तक करीब 100 दो पहिये वाहन खड़े रहते हैं, जिससे मार्ग अवरूद्ध होता है। बताया जाता है कि इस जमीन का उपयोग रास्ते के रूप में किया जाता है। वर्तमान में राहगिरों को आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

जेएनएसी व सरकार को होती है भारी राजस्व की क्षति

जबकि रोड के दूसरे छोर पर जेएनएसी द्वारा पार्किंग की व्यवस्था है. अगर रोजाना चरण पद तरीके से पार्किंग का इस्तेमाल किया जाए तो, जेएनएसी व राज्य सरकार को हजारों रुपये राजस्व की प्राप्ति होगी. लेकिन पार्किंग का इस्तेमाल नहीं किये जाने से प्रतिदिन सरकार को हजारों रूपए के राजस्व का नुकशान हो रहा है. गणना के मुताबिक 2017 से यह कार्य चल रहा है. पिछले 8 वर्षों से अब तक जोड़ा जाए तो हसमुख मेहता ने अनुमानत: 30 लख रुपए से भी अधिक के राजस्व की क्षति सरकार को पहुंचाई है.

प्रशासनिक चुप्पी रहस्यमय, परेशानी का कारण 

जानकारों का कहना है कि इस संबंध में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा जिला प्रशासन और इस क्षेत्र की देखरेख करने वाली संस्था जेएनएसी, वरीय एसपी को इस प्रकरण से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अब तक प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है. यहां यह अभी बता देना आवश्यक है कि उपरोक्त शॉप के मालिक हसमुख मेहता शराब कारोबारी नरेश मेहता के भाई हैं. इस भवन और शॉप के पीछे वाली गली पर भी इन लोगों ने अवैध तरीके से कब्जा कर लिया है. फिलहाल इस भवन और शॉप के बेसमेंट में निर्माण का कार्य भी चल रहा है. बताया जाता है कि यहां बैंक का लॉकर को नया लुक दिया जा रहा है।

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