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पूरी दुनिया में 430 मिलियन लोग सुनने में असमर्थ, संकेतों में कहीं और सुनी जाती है अपनी बात

श्री दर्पण न्यूज़, जमशेदपुर : संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 23 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय संकेत भाषा दिवस के रूप में घोषित किया है। यह दिन सुनने में असमर्थ लोगों के मानव अधिकारों की रक्षा में संकेत भाषा की अनिवार्य भूमिका के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह अवसर यह दिखाता है कि कैसे संकेत भाषा संचार की बाधाओं को तोड़कर लोगों को जोड़ती है और एक अधिक समावेशी समाज के निर्माण में मदद करती है। यह दिन सुनने में असमर्थ समुदाय का सम्मान करने, उनके योगदान को पहचानने और उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाने की याद दिलाता है।

संकेतों के माध्यम से कहें अपनी बात

सुनने की असमर्थता दुनिया भर में 430 मिलियन लोगों को प्रभावित करती है और अनुमान है कि यह संख्या 2050 तक 700 मिलियन तक पहुंच जाएगी। भारत में लगभग 63 मिलियन लोग इस समस्या से गंभीर रूप से प्रभावित हैं। इस आबादी के लिए संकेत भाषा का उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है; हालांकि, वर्तमान में केवल 300 से कम प्रमाणित प्रशिक्षक उपलब्ध हैं। इसके व्यापक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा और सार्वजनिक जीवन में इसकी भूमिका के प्रति जागरूकता बढ़ाने और नीति-निर्माण पहलों की आवश्यकता है।

संकेत भाषा एक समृद्ध और दृश्यात्मक संचार प्रणाली

संकेत भाषा एक समृद्ध और दृश्यात्मक संचार प्रणाली है, जिसका उपयोग दुनिया भर में सुनने में असमर्थ समुदाय करते हैं। इसमें अर्थ व्यक्त करने के लिए हाथ के इशारे, चेहरे के हाव-भाव और शरीर की गतिविधियों का समन्वित प्रयोग होता है। सार्वभौमिक भाषाओं के विपरीत, हर क्षेत्र या देश की अपनी अनोखी संकेत भाषा होती है, जैसे अमेरिकन साइन लैंग्वेज (ASL) या इंडियन साइन लैंग्वेज (ISL), जिनकी व्याकरण और संरचना विशिष्ट होती है। यह प्राकृतिक भाषा जटिल विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने में सक्षम है और केवल बोले गए शब्दों का रूपांतरण नहीं है, बल्कि एक संपूर्ण भाषाई प्रणाली है जिसे ध्वनि के बजाय दृष्टि के माध्यम से समझा और अनुभव किया जाता है।

टाटा स्टील ने शुरू की इंडियन साइन लैंग्वेज 

टाटा स्टील ने एक समावेशी कार्यस्थल को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अपनी मासिक लाइव कार्यक्रम एमडी ऑनलाइन, जिसकी अध्यक्षता टाटा स्टील के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर टी. वी. नरेंद्रन करते हैं, में इंडियन साइन लैंग्वेज (ISL) अनुवाद की सुविधा शुरू की है। इस पहल से सुनने में असमर्थ कर्मचारियों को अब वास्तविक समय में अपडेट और नेतृत्व संदेश प्राप्त करने में सुविधा होगी, जो कंपनी की आंतरिक संचार प्रणाली में पहुंच और समावेशिता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाती है। यह उपलब्धि टाटा स्टील की सीएसआर इकाई, टाटा स्टील फाउंडेशन (टीएसएफ) के लंबे समय से चल रहे प्रयासों को दर्शाती है, जो सबल के माध्यम से झारखंड और ओड़िशा में दिव्यांग व्यक्तियों (PwDs) को सशक्त बनाने का काम कर रहा है। सबल ने लगातार समावेशी शिक्षा, सुलभ बुनियादी अवसंरचना, समुदाय में जागरूकता और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

संस्थागत क्षमता निर्माण में किया जा रहा है निवेश

साथ ही, फाउंडेशन दीर्घकालिक समावेशिता को सुनिश्चित करने के लिए संस्थागत क्षमता निर्माण में निवेश कर रहा है। कार्मेल बाल स्कूल, सनलाइट एनजीओ और एसआईडीडी जैसी संस्थाओं के साथ लक्षित आईएसएल प्रशिक्षण और संरचित ओरिएंटेशन के माध्यम से शिक्षक, गैर-लाभकारी संगठन और सामुदायिक संस्थाएं दिव्यांग व्यक्तियों के साथ प्रभावी रूप से जुड़ने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता हासिल कर रहे हैं। यह दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि समावेशी प्रथाएँ केवल अपनाई ही नहीं जातीं, बल्कि शिक्षा और सामाजिक विकास नेटवर्क में स्थायी रूप से स्थापित होती हैं। सिस्टम स्तर पर, टीएसएफ जमशेदपुर, नोआमुंडी और जोड़ा में अपने संगठनात्मक और सामुदायिक कार्यक्रमों में आईएसएल को समेकित करके जागरूकता और स्वीकार्यता का एक सशक्त इकोसिस्टम तैयार कर रहा है। आईएसएल- समेकित मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण सत्रों के साथ-साथ कर्मचारियों, हितधारकों और जमीनी स्तर के समूहों के लिए आयोजित ओरिएंटेशन कार्यशालाएँ संचार की बाधाओं को दूर कर रही हैं और समावेशी सोच और मानसिकता को मजबूत कर रही हैं।

समावेशन कंपनी के मूल्य और नेतृत्व में निहित

सभी पहल मिलकर आईएसएल को फाउंडेशन के समावेशन एजेंडा का एक प्रमुख स्तंभ बनाती हैं और इसके द्वारा संचालन क्षेत्रों में समानता, सुलभता और स्थायी सामाजिक प्रभाव को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि करती हैं। साथ ही, रणनीतिक संचार को अधिक सुलभ बनाकर, टाटा स्टील ने यह दिखाया है कि समावेशन केवल एक सहायक पहल नहीं है, बल्कि यह कंपनी के मूल्यों और नेतृत्व के केंद्र में स्थित है।

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