आदिवासियों पर लाठी चार्ज के खिलाफ सड़क पर उतरे पूर्व सीएम चम्पाई सोरेन, प्रशासन ने चाईबासा जाने से रोका
श्री दर्पण न्यूज़, जमशेदपुर: कल देर रात चाईबासा में आदिवासी समाज के प्रदर्शनकारियों पर हुए लाठी चार्ज एवं आंसू गैस फायरिंग के खिलाफ आज पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन सड़कों पर उतरे। उन्होंने कुजू में आदिवासी समाज के विभिन्न संगठनों एवं समाज के मार्गदर्शकों के साथ बैठक कर, कल कोल्हान बंद की घोषणा की।
सरकार आदिवासी मूलवासी विरोधी
झारखंड सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए उन्होंने उसे आदिवासी- मूलवासी विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा कि अवैध माइनिंग की वजह से इस क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या काफी बढ़ गई है। लेकिन यह सरकार क्षेत्र की जनता की जान से ज्यादा अवैध माइनिंग की कमाई चाहती है, लेकिन इसका पुरजोर विरोध होगा। उन्होने इस मामले में गिरफ्तार हुए सभी 21 लोगों की तुरंत रिहाई की मांग की।
चाईबासा लाठी चार्ज के खिलाफ एक्शन में दिखे चम्पाई सोरेन, कल कोल्हान बंद का किया आह्वान
कल पूरे कोल्हान को बंद करने का आह्वान करते हुए पूर्व सीएम ने इस दमनकारी लाठी चार्ज में शामिल पुलिस वालों एवं अधिकारियों के खिलाफ एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर, त्वरित कार्रवाई की मांग की। इस सभा के बाद, हजारों लोगों के साथ पूर्व सीएम चाईबासा की ओर पैदल आगे बढ़े। लगातार लगते गगनभेदी नारों के बीच, हाथों में सरना झंडा लिए प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया। कुछ किलोमीटर चलने के बाद, कुजू ब्रिज पर पश्चिम सिंहभूम जिले के अधिकारियों ने भारी पुलिस बल का इंतजाम कर रखा था।
गिरफ्तार किए गए 17 लोगों को रिहा किए जाने की मांग
वहां पहुंचने पर पूर्व सीएम समेत सभी प्रदर्शनकारियों को रोक दिया गया। वहीं हुई वार्ता में चम्पाई सोरेन ने कल रात गिरफ्तार किए गए 17 लोगों को रिहा करने की मांग रखी। मौके पर मौजूद एसडीओ एवं एसडीपीओ ने उन लोगों को आज शाम तक रिहा करने का आश्वासन दिया। चम्पाई सोरेन ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि कोल्हान में राज्य सरकार के इशारे पर पुलिसिया दमन को बर्दास्त नहीं किया जायेगा।
शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने की कोशिश
शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे आंदोलन को कुचलने का प्रयास करने वाली यह सरकार आदिवासी विरोधी है। जब घुसपैठिये आकर आदिवासियों की जमीन लूटते हैं, हमारी बहन – बेटियों की अस्मत से खिलवाड़ करते हैं, हमारे सामाजिक ताने- बाने को बिगाड़ते हैं, बेटियों से शादी कर आरक्षण में अतिक्रमण करते हैं, तब उन्हें दिखाई नहीं देता। लेकिन भोगनाडीह, नगड़ी और चाईबासा की घटना ने इस सरकार के चेहरे को बेनकाब कर दिया है।
