जातिगत जनगणना में सरना धर्म कोड को शामिल किए जाने की मांग को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा का उपायुक्त कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन
श्री दर्पण न्यूज, जमशेदपुर : जातिगत जनगणना में सरना धर्म कोड को शामिल किए जाने की मांग को लेकर मंगलवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने उपायुक्त कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान एक सभा भी आयोजित की गई, जिसमें वक्ताओं ने केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा की केंद्र सरकार आदिवासियों के हितों की अनदेखी कर रही है. वह आदिवासियों के विकास की विरोधी है. वह आदिवासियों की हितैसी नहीं है. प्रदर्शन के उपरांत झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रतिनिधियों ने जिले के नए उपयुक्त करण सत्यार्थी को अपना ज्ञापन भी सौपा.
बिना धर्मकोड लागू किये राज्य में जातिगत जनगणना नहीं होने देंगे
बहरागोड़ा के विधायक समीर मोहंती और जुगसलाई विधानसभा के विधायक मंगल कालिंदी ने धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा की झारखंड विधानसभा ने आदिवासियों का धर्म कोड सरना धर्म को 2020 में ही पारित कर केंद्र के पास इसे लागू करने के लिए भेज दिया था. लेकिन केंद्र सरकार ने आज तक इस प्रस्ताव पर कोई विचार नहीं किया. यह मामला आज तक केन्द्र सरकार के विचाराधीन है. केंद्र सरकार आदिवासियों के साथ दोहरी नीति अपना रही है. वह आदिवासियों के विकास की विरोधी है. वक्ताओं ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जब तक जातिगत जनगणना में सरना धर्म कोड को शामिल नहीं किया जाता है, तब तक आदिवासी समाज और झारखंड सरकार जातिगत जनगणना का विरोध करेगी. जातिगत जनगणना राज्य में नहीं होने दिया जाएगा.
वरिष्ट नेता प्रमोदलाल व राजू गिरि ने किया सभा को सम्बोधित
इस मौके पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सदस्यों में से एक और वरिष्ठ नेता प्रमोद लाल ने भी सभा को संबोधित किया और हुंकार भरी की आदिवासियों के धर्म कोड जब तक लागू नहीं किया जाएगा, तब तक राज्य में जातिगत जनगणना का विरोध किया जाएगा. झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय कमेटी के महासचिव राजू गिरी ने भी अपने विचार व्यक्त किया और आदिवासी हितों की रक्षा का संकल्प दोहराया. इस दौरान सुनील महतो मीता ने भी अपना विचार व्यक्त किया.