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भाजपा जमशेदपुर महानगर ने श्रद्धाभाव से मनाया वीर बाल दिवस, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष बड़कुंवर गागराई ने कहा- देश के इतिहास से हुआ अन्याय, वीरों को षड्यंत्रपूर्वक भुलाया गया

  श्री दर्पण न्यूज,  जमशेदपुर : भारतीय जनता पार्टी जमशेदपुर महानगर ने वीर बाल दिवस के अवसर पर सिख धर्म के 10वें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों की अतुलनीय शहादत को नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित की। गुरुवार को जिला अध्यक्ष सुधांशु ओझा की अध्यक्षता में आयोजित वीर बाल दिवस के कार्यक्रम में झारखंड भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई मुख्यातिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ साहिबजादों के चित्र पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलन से की गयी। उपस्थित नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने वीर साहिबजादों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके शौर्य और बलिदान को नमन किया। इस दौरान मंच संचालन जिला उपाध्यक्ष संजीव सिन्हा एवं धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के जिला सह संयोजक और अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष मंजीत सिंह ने किया।

बड़कुंवर गागराई ने साहिबजादों की वीरता और बलिदान को नमन किया

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बड़कुंवर गागराई ने साहिबजादों की वीरता और बलिदान को नमन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वीर बाल दिवस भारतीयता और धर्म की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान का प्रतीक है। यह दिन श्री गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों की वीरता और निष्ठा को स्मरण करने का दिन है। उन्होंने कहा कि 26 दिसंबर का दिन वीर बाल दिवस सिखों के दसवें गुरु- गुरु गोविंद सिंह जी के चार वीर पुत्रों के अद्वितीय बलिदान और साहस के प्रति सम्मान व्यक्त के लिए मनाया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहिबजादों के बलिदान दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में राष्ट्रीय मान्यता देकर सिख समाज और राष्ट्र के गौरव को नमन किया है। यह ऐतिहासिक पहल साहिबजादों की बलिदानी गाथा को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने का माध्यम बनेगी।

साहिबजादों ने धर्म और न्याय के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया

वहीं, भाजपा जिलाध्यक्ष सुधांशु ओझा ने कहा कि साहिबजादों ने कम उम्र में जिस तरह धर्म और न्याय की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया, वह न केवल सिख समाज बल्कि समूचे राष्ट्र के लिए प्रेरणास्त्रोत है। माताओं को अपने बच्चों को उनकी शौर्य गाथाएं सुनानी चाहिए ताकि उनमें देशभक्ति और धर्म के प्रति समर्पण की भावना जाग्रत हो

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