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भाजपा के कार्यकारी झारखंड प्रदेश अध्यक्ष आदित्य साहू ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर बोला हमला, कहा- झामुमो- कांग्रेस और राजद की गठबंधन सरकार ने तोड़ा पिछड़ा समाज से किया वादा, आरक्षण पर किया विश्वासघात

श्री दर्पण न्यूज़, जमशेदपुर : झारखंड भाजपा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने जमशेदपुर महानगर में आयोजित प्रेस वार्ता में झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि झामुमो-कांग्रेस और राजद की गठबंधन सरकार राज्य के पिछड़ा वर्ग, जिनकी आबादी लगभग 50% है, उनकी भावनाओं के साथ लगातार खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि यह सरकार अपने निर्णयों से पिछड़ा समाज को अपमानित कर रही है और राज्य की सामाजिक संरचना को देखते हुए जनभावनाओं के अनुरूप निर्णय नहीं ले रही है। इससे यह स्पष्ट है कि हेमंत सरकार की नीति और नीयत में भारी अंतर है। गुरुवार को जमशेदपुर के साकची स्थित होटल दयाल इंटरनेशनल में आयोजित प्रेस वार्ता में जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो, हटिया के विधायक सह विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक नवीन जायसवाल, भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा, जिला मीडिया प्रभारी प्रेम झा मौजूद रहे।

हेमंत सरकार की नीति और नीयत में अंतर : आदित्य साहू

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष आदित्य साहू ने कहा कि झामुमो-कांग्रेस सरकार की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का फर्क है। झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने 2024 विधानसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणा पत्र में पिछड़ा समाज को 27% आरक्षण देने का वादा किया गया था। इतना ही नहीं, इंडी गठबंधन के संयुक्त संकल्प पत्र में भी यही घोषणा की गई थी। लेकिन सत्ता में आने के बाद जब वास्तव में पिछड़ा वर्ग के हित में निर्णय लेने का अवसर आया, तब ये ठगबंधन के लोग वादे से मुकर गए।

14 फ़ीसदी आरक्षण कर पिछड़ों के साथ किया विश्वासघात

आदित्य साहू ने कहा कि 14 अक्टूबर को जब लंबे इंतजार के बाद ट्रिपल टेस्ट के आधार पर नगर निकाय चुनावों में पिछड़ों के आरक्षण का निर्धारण करने का समय आया, तो हेमंत सरकार मात्र 14% पर रुक गई। इससे साफ है कि यह सरकार सिर्फ वोट लेने के लिए बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन उन्हें पूरा करने की नीयत नहीं रखती। आदित्य साहू ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब राज्य सरकार ने पिछड़ों की अनदेखी की हो। न्यायालय के निर्देश के बाद ही ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी की गई, अन्यथा पंचायत चुनाव बिना पिछड़ा समाज को आरक्षण दिए ही करा दिए गए थे। उन्होंने कहा कि दरअसल इंडी गठबंधन में शामिल सभी दलों- झामुमो, कांग्रेस और राजद की नीयत पिछड़ा वर्ग के प्रति साफ नहीं है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि यही कांग्रेस है जिसने मंडल कमीशन की रिपोर्ट को वर्षों तक ठंडे बस्ते में डाले रखा। कांग्रेस ने कभी पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं दिया और अपने ही पिछड़ा वर्ग के नेताओं, जैसे सीताराम केसरी, का अपमान किया।

पिछड़ा समाज को एनडीए की सरकार ने सम्मान और अधिकार दोनों दिया

वहीं, आदित्य साहू ने कहा कि भाजपा और एनडीए सरकार ने पिछड़ा समाज को सम्मान और अधिकार दिलाने का काम किया है। देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं पिछड़ा समाज से आते हैं, देश के उपराष्ट्रपति भी पिछड़ा समाज से हैं और मोदी सरकार ने ही पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया। आज केंद्र सरकार में दर्जनों मंत्री पिछड़ा वर्ग से हैं, जो इस समाज के प्रति सम्मान और सहभागिता का प्रतीक है।

हेमंत की सरकार ने झारखंड के सभी समाज को धोखा दिया 

अंत में आदित्य साहू ने कहा कि हेमंत सरकार ने झारखंड के सभी समाजों को धोखा दिया है। आज न आदिवासी खुश हैं, न दलित, न पिछड़ा समाज, न सवर्ण समाज। न युवा वर्ग प्रसन्न है, न महिलाएं, न किसान और मजदूर। यह सरकार हर वर्ग के विश्वास को तोड़ चुकी है और इसका जनविरोधी चेहरा अब पूरी तरह उजागर हो चुका है।

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