नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी सुधार को पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बताया ऐतिहासिक कदम, कहा- आत्मनिर्भर और सशक्त अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा निर्णय
श्री दर्पण न्यूज़, जमशेदपुर : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता रघुवर दास ने शनिवार को जमशेदपुर परिसदन में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के ऐतिहासिक निर्णय ‘नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी सुधार’ को आम जनता और मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत करार दिया। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जी.एस.टी. परिषद द्वारा लिए गए फैसले देश की अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में मील के पत्थर साबित होंगे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में विभिन्न टैक्स के जाल को खत्म करके एक व्यवस्था जी.एस.टी. देश में लागू की गयी थी। जी.एस.टी. लागू होने के बाद से देश के राजस्व में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2017-18 में जहां राजस्व 82,000 करोड़ था, वहीं वर्तमान वित्तीय वर्ष में यह बढ़कर औसत 2,04,500 करोड़ तक पहुँच गया है। प्रेस वार्ता में भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा एवं महानगर के जिला मीडिया प्रभारी प्रेम झा भी मौजूद रहे।
नवरात्र से जीएसटी काम किए जाने के बाद लागू होगी नई दरें
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आगामी 22 सितंबर को पवित्र नवरात्रि के शुरुआत के दिन पर लागू होने वाले इन नये सुधारों से देशवासियों को त्योहारों से पहले बड़ी राहत मिली है। उन्होंने बताया कि कपड़े और रेडीमेड गारमेंट्स पर जी.एस.टी. को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके साथ ही जूते, मनिहारी, किराना सामान, मोटरसाइकिल, छोटी कारें, दवाइयां, इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण, कृषि उपकरण, हस्तशिल्प, बांस आधारित उद्योग, टाइल्स, सीमेंट और कई आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स में कटौती की गई है। इससे आम जनता के ईज ऑफ लिविंग में सुधार होगा तो वहीं औद्योगिक उत्पादन को भी गति मिलेगी और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
पत्रकारों द्वारा जीएसटी पर पूछे गए सवालों का कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए पूर्व मुख्यमंत्री
जीएसटी से जुड़े पत्रकारों के कई सवालों का जवाब पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास संतोषजनक रूप से नहीं दे पाए। जब उनसे यह जानने की कोशिश की गई की वेतन और अन्य भक्तों पर जीएसटी की दर 12% से 18% किए जाने के पीछे सरकार की क्या सोच है? इसके जवाब में रघुवर दास कुछ खास नहीं बोल पाए। वे बार-बार इस बात को दोहराते रहे की क्रय शक्ति बढ़ेगी। बिना टैक्स के देश नहीं चलता है । लेकिन वे यह नहीं बता पाए की 12 से 18% पारिश्रमिक पर लगाए जाने वाले जीएसटी से मजदूरों की या श्रमिकों की जेबे हल्की होगी तो क्रय शक्ति कैसे बढ़ेगी। इस सवाल पर वह इधर-उधर की बातें करते रहे। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री से जब यह जानने की कोशिश की गई कि महज एक सप्ताह पहले सीमेंट की दरों में 8 फ़ीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई है। ऐसे में 10 फ़ीसदी जीएसटी काम किए जाने का क्या औचित्य है। इस पर भी पूर्व मुख्यमंत्री कुछ खास नहीं बोल पाए और अपनी बात को दोहराते रहे की क्रय शक्ति बढ़ेगी।
