स्वदेशी मेला में भारतीय शिक्षा प्रणाली पर संगोष्ठी के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित
श्री दर्पण न्यूज़, जमशेदपुर : बिष्टुपुर गोपाल मैदान में स्वदेशी मेला के सभागार में वर्तमान समय में भारतीय शिक्षा प्रणाली की प्रासंगिकता के विषय पर एक संगोष्ठी एवं सांस्कृतिक संध्या में अवनीश एवं समूह के द्वारा लोकनृत्य का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर पी के पाणी उपस्थित थे । उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत सरकार द्वारा 21 वीं सदी के भारत की जरूरत को पूरा करने के लिए भारतीय शिक्षा प्रणाली में बदलाव हेतु जो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दी है, अगर उसका क्रियान्वयन सफल तरीके से होता है तो यह नईं प्रणाली भारत को विश्व के अग्रणी देशों के समक्ष ले आएगी। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत 3 साल से 18 साल तक के बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून 2009 के अंतर्गत रखा गया है।

नई शिक्षा नीति का उद्देश्य सभी छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करना
34 वर्षों के पश्चात आई इस नई शिक्षा नीति का उद्देश्य सभी छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करना है, जिसका लक्ष्य 2025 तक पूर्व प्राथमिक शिक्षा को सार्वभौमिक बनाना है। स्नातक शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ,3D मशीन ,डेटा विश्लेषण, जैव प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों के समावेशन से अत्याधुनिक क्षेत्र में भी कुशल पेशेवर तैयार होंगे और युवाओं की रोजगार क्षमता में वृद्धि होगी।
इस संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि डॉक्टर कल्याणी कबीर प्राचार्य रंभा कॉलेज ऑफ़ इंस्टिट्यूशन थी। उन्होंने अपने संबोधन में छात्र छात्राओं को कहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली पूर्व में गुरुकुल परंपरा की शिक्षा प्रणाली थी, जिसे पढ़कर बच्चों के अंदर नैतिकता, परिवार संस्कार, और समावेशी शिक्षा के माध्यम से हुनर मंद बच्चे तैयार होते थे और वह अपना जीवन सफलतापूर्वक निर्वाह करते थे। आज फिर से आवश्यकता है कि हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से इन सब चीजों को बढ़ावा देकर बच्चों को संस्कारवान बनाएं जिससे उनका जीवन स्तर ऊंचा हो सके।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से सुदूर ग्रामीण इलाकों के युवक युवतियों को मिलेगा फायदा
इस संगोष्ठी के मुख्य वक्ता राजेंद्र विद्यालय घुटिया की प्राचार्य श्रीमती खुशबू ठाकुर थी उन्होंने भी अपने संबोधन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बनने से वैसे सुदूर ग्रामीण क्षेत्र जहां पर अभी भी शिक्षा की रोशनी नहीं पहुंच पाई है उसके लिए व स्वयं अपने प्रयास से वैसे ग्रामीण क्षेत्र के होनहार बच्चे को शिक्षा के साथ-साथ उनके सर्वांगीण विकास कैसे हो इस पर वह कार्य कर रही हैं और उन्होंने विश्वास व्यक्त किया की शहर की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों में भी काफी प्रतिभाएं छुपी होती हैं जिन्हें हम सभी को मिलकर निखारना है और उन्हें एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराना है जिससे उनके अंदर एक आत्मविश्वास पैदा हो सके कि वह भी अन्य बच्चों के तुलना में कम नहीं है।
संगोष्ठी की अध्यक्षता बंदे शंकर सिंह ने की
इस संगोष्ठी में स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय पदाधिकारी बंदे शंकर सिंह ने अध्यक्षता की और अपने विचार व्यक्त किए। साथ ही इस संगोष्ठी के संयोजक डॉक्टर कमलेश कुमार कमलेंदु ने विषय प्रवेश कराया तथा मंच का संचालन प्रोफेसर नवनीत कुमार सिंह ने किया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रतिभा रानी मिश्रा ने किया ।
सांस्कृतिक संध्या के मुख्य अतिथि चमकता आईना के संपादक श्री जयप्रकाश राय एवं उद्गम संस्था की संस्थापक सोनिया सिंह जी रही। मेले में मुख्य रूप से अशोक गोयल मंजू ठाकुर अमित मिश्रा केपी चौधरी अशोक सिंह राजाराम संजय कुमार मनोज गुप्ता इत्यादि उपस्थित रहे।
