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आरटीआई कार्यकर्ता विनय सिंह ने वन विभाग के रेंजर दिग्विजय सिंह को पर्यावरण का बताया दुश्मन, वृक्षों को काटकर पौधारोपण से कितना सुरक्षित रहेगा पर्यावरण

श्री दर्पण न्यूज़ : जमशेदपुर के डिमना रोड स्थित ट्रांसपोर्ट नगर के मुख्य द्वार के पास से दस पेड़ो को काटा गया है, ऐसा कहना है विनय सिंह का। विनय सिंह खुद को राइट्स टू इनफॉर्मेशन के जमशेदपुर चेयरमैन बताते है। विनय सिंह ने जन सूचना पदाधिकारी और वन विभाग से यह जवाब मांगा है कि आखिर किस योजना के तहत ट्रांसपोर्ट नगर मानगो में लगभग दस से बारह वर्ष पुराने दस वृक्षों को काटा गया और किसके आदेश पर काटा गया।

विनय सिंह का कहना है कि सारे वृक्षों को काटने से लेकर छुपाने तक की जानकारी जमशेदपुर रेंजर दिग्विजय सिंह को है।
वही पार्किंग के मैनेजर जितेंद्र सिंह का कहना है कि कांटे गये वृक्ष तूफान मे टूट चुके थे। बिजली के तारो पर टहनियां झूल रही थी। मार्ग भी अवरुद्ध हो गया था। जिससे इंसानी जीवन पर खतरा मंडरा रहा था, जिस कारण वृक्षों को कटना आवश्यक था,
जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि उनके द्वारा ट्रांसपोर्ट नगर मे लगातार वृक्षारोपण किया जाता है, और जहां वृक्षों को काटा गया वहां भी वृक्षारोपण किया जा रहा है।

वृक्षों को काटना इंसानी सुरक्षा या निजी स्वार्थ, वन विभाग के जांच के बाद ही होगी मामले का खुलासा

वही मामले पर जमशेदपुर डीएफओ सबा आलम का कहना है कि मुझे किसी बात की कोई जानकारी है ही नहीं। मै टीम गठित कर मामले की जांच करूंगा और दोषियों पर न्याय संगत करवाई भी करूंगा। डीएफओ सबा आलम का कहना है कि इसकी हमारे पास ना तो कोई शिकायत आयी है और ना ही मुझसे किसी ने वृक्ष काटने की स्वीकृति ली है।
जबकि नियमानुसार ट्रांसपोर्ट नगर टाटा स्टील के अधीन है, और टाटा स्टील को वृक्षों को काटने की अनुमति जमशेदपुर डीएफओ सबा आलम से लेनी चाहिए थी। जानकारों का कहना है कि वृक्षों को कटना क्यों आवश्यक था,अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। इस मामले की जानकारी टाटा स्टील तक पहुंची भी है या नही, इसकी जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

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