स्तरीय और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से ही राज्य का विकास संभव : रामदास सोरेन, शिक्षा मंत्री झारखंड सरकार
श्री दर्पण न्यूज, जमशेदपुर : स्तरीय और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से ही राज्य का विकास संभव है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है. शिक्षा के बजट को भी भारी भरकम बनाया गया है. आने वाले समय में इसका रिजल्ट सामने दिखेगा. उपरोक्त बातें आज सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कही. उन्होंने बताया की करीब 29 000 विद्यालयों में टैब देकर शिक्षा को सेंट्रलाइज करने की कोशिश की गई है, ताकि हम हर विद्यालय को केंद्रीय कृत बनाएं और उन पर निगरानी रखी जा सके और शिक्षकों के जिम्मेदारी पूर्ण कार्य और अनुशासन पूर्ण शिक्षा व्यवस्था पर नजर रखी जा सके. आने वाले दिनों में हम और भी बेहतर से बेहतर व्यवस्था से राज्य के विद्यालयों को जोड़ने जा रहे हैं. हम इस बात का प्रयास कर रहे हैं कि बच्चे अपने नजदीकी सरकारी स्कूलों में अध्ययन के लिए जाएं. छोटे-छोटे बच्चों को दूर दराज अपने घर से चार-पांच किलोमीटर दूर स्कूल न जाना पड़े.
प्राथमिक शिक्षा स्थानीय भाषा में बच्चों दिये पर हो रहा काम
इसके अलावा प्राथमिक शिक्षा स्थानीय भाषा में बच्चों को जाये और उनकी समझ को विकसित किया जा सके. मंत्री ने बताया कि शिक्षकों की बहाली के लिए भी मंत्रालय कम कर रहा है. जेटेट पास की ही झारखंड में शिक्षक के पद पर बहाली होगी. इसके अलावे झारखंड निवासी सीटेट पास को भी हम शिक्षक के पद पर बहाले करेंगे. मिड डे मील की व्यवस्था को भी दुरुस्त किया जाएगा. बच्चों को मिनरल और विटामिन युक्त भोजन स्कूलों में मिले इसका प्रबंध किया जा रहा है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए मंत्रालय कम कर रहा है. आने वाले दिनों में हम प्राइमरी और मिडिल स्कूल में भी कंप्यूटर कृत शिक्षा को बढ़ावा देंगे. वैसे शिक्षकों की बहाली की जाएगी जो ओवरऑल कंप्यूटर में भी दक्ष हो. दरअसल शिक्षा विभाग का मंत्रालय संभालने के बाद से रामदास सोरेन ने यह प्रण किया है कि वह राज्य में चौपट हुई शिक्षा व्यवस्था को स्तरीय बनाकर ही दम लेंगे. इस दिशा में कार्य शुरू किए गए हैं. शिक्षा विभाग के सचिव से लेकर पदाधिकारी और अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि उन्हें बेहतर सर्विस देना होगा. अन्यथा विभाग उनकी छुट्टी कर सकता है.
20 वर्षों से शिक्षकों की प्रोन्नति लम्वित
मंत्री ने बताया कि 20 वर्षों से शिक्षकों को चाहे वह कॉलेज स्तरीय हो या मिडिल स्कूल या हाईस्कूल प्रोन्नति नहीं मिली है. विद्यालय प्रभारी प्रधानाध्यापकों के भरोसे चल रहा है. यूनिवर्सिटी में व्हीसी योग्यता रखने वाले कैंडीडेट्स की कमी है. जिसकी वजह से बंगाल और उड़ीसा से दक्ष और विद्वान लोगों को झारखंड में लाया गया है और उन्हें विश्वविद्यालय के कुलपति का प्रभार सोप गया है.हम इस बात की भी कोशिश कर रहे हैं कि योग्य और उच्च शिक्षा गुणवत्ता धारी शिक्षकों का चुनाव हो. उन्हें प्रोन्नति मिले ताकि वह राज्य के विश्वविद्यालय में अपनी बेहतर सेवा दे सकें.
शिक्षा को नया अयाम दिये जाने पर हो रहा काम
राज्य में शिक्षा व्यवस्था को एक नया आयाम देने की कोशिश की जा रही है. मंत्री ने कहा कि शिक्षा के विकास से ही राज्य का विकास संभव है. इसलिए हम शिक्षा को स्तरीय बनाने की कोशिश कर रहे हैं. आरंभीक कक्षा से ही शिक्षक और शिक्षकों को प्रशिक्षित कर उन्हें स्किल्ड किया जा सके. बातचीत के दौरान मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि और भी कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है. लेकिन अभी वे उसे सार्वजनिक करना नहीं चाहते हैं. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से आने वाले दिनों में शिक्षा के स्तर में परिवर्तन आम लोगों को दिखेगा. समय के हिसाब से हम स्कूलों को केंद्रीय कृत तो करेंगे ही साथ ही सीसीटीवी कैमरे से भी जोड़ने की कोशिश करेंगे ताकि हम शिक्षकों को उनकी ड्यूटी और बच्चों की उपस्थिति पर भी गंभीरता से नजर रख सके.