ताजा खबरेंराजनीति

पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के खिलाफ झामुमो प्रवक्ता का बयान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन की साजिश का हिस्सा: उदय सिंह देव

श्री दर्पण न्यूज़, जमशेदपुर:

प्रवक्ता पहले अपने गिरेवा में झांक कर देखें साआनंद आचार्य

सरायकेला खरसावां जिला भाजपा अध्यक्ष उदय सिंह देव और विधायक प्रतिनिधि सानंद आचार्य ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के एक प्रवक्ता द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के खिलाफ की गई टिप्पणी की कड़ी आलोचना की है। आदित्यपुर आशियाना गार्डन के नजदीक स्थित सुवर्ण रेखा गेस्ट हाउस में आयोजित एक प्रेस वार्ता में भाजपा के दोनों नेताओं ने झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रवक्ता को आड़ेहाथों लेते हुए कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रवक्ता का यह बयान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी सह विधायक कल्पना सोरेन के इशारे पर दिया गया है।

प्रवक्ता की घटिया मानसिकता 

झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रवक्ता की यह टिप्पणी यानी चंपई सोरेन के खिलाफ की गई टिप्पणी प्रवक्ता की घटिया मानसिकता को दर्शाता है। प्रवक्ता द्वारा इस तरह की की गई

एक समय ऐसा भी था की की हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का पैर छूकर प्रणाम करते थे और आज उन्हीं के अपमानजनक व्यवहारों की वजह से जिस पार्टी को अपने खून और पसीने से चौपाई सोरेन ने सीचा उसी पाट्री को छोड़ना पड़ा । झारखंड मुक्ति मोर्चा को अलविदा कहते हुए चंपई सोरेन ने इतना तक कहा कि जिस पार्टी को उन्होंने अपने खून और पसीने से सीचा है, उसका एक ईंट भी लेकर नहीं जाएंगे। यह बयान उनकी वैचारिक श्रेष्ठ को दर्शाता है। लेकिन वही पार्टी के प्रवक्ता द्वारा चंपई सोरेन के खिलाफ की गई टिप्पणी निश्चित रूप से एक ओच्छी और सस्ती राजनीति का हिस्सा है।

उल्लेखनीय है कि झामुमो के एक प्रवक्ता ने रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के खिलाफ की गई टिप्पणी को भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की घटिया मानसिकता और सोच करार दिया था।

झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रवक्ता सर्टिफिकेट जारी करने वाले होते कौन

सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में सरायकेला खरसावां जिला अध्यक्षउदय सिंह देव और विधायक प्रतिनिधि आनंद आचार्य ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रवक्ता से

कोई पूछे कि झारखंड आंदोलन के दो शीर्ष व्यक्तित्वों के रिश्तों पर सर्टिफिकेट जारी करने वाले वे कौन होते हैं? उस वक्त तो आपका जन्म भी नहीं हुआ होगा, जब से वे लोग अलग राज्य के लिए आंदोलन कर रहे थे। लगातार कई वर्षों तक जंगलों, पहाड़ों और सुदूर गांवों में अलग राज्य के लिए आंदोलन करने वालों के संघर्ष को आप जैसे एयर कंडीशंड कमरों में बैठ कर बकवास करने वाले लोग कभी नहीं समझ सकते।

चंपई सोरेन को अपमानित करने का यह कैसा दुसाहस 

जिस पार्टी को चंपाई दा ने बनाया, जिस संगठन को बनाने के लिए उन्होंने अपना जीवन खपा दिया, आज झामुमो उनका इस स्तर पर अपमान करने का दुस्साहस करेगी, यह तो किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा। झामुमो में रहते हुए उन्होंने इसी सोच और मानसिकता के खिलाफ सार्वजनिक बयान जारी किया था, और उसके बावजूद, जब पार्टी के स्तर पर कोई जवाब नहीं मिला, तो वे पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर हो गए। अपने बयान तथा इस्तीफे में भी उन्होंने सारी बातें स्पष्ट की थीं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना मैडम को आगे आकर बताना चाहिए कि क्या वरिष्ठ लोगों का अपमान ही झामुमो की नीति बन गई है। आप लोग तो हर मंच पर उनका पैर छूते थे ना? फिर उनके अपमान पर आप क्यों चुप हैं? क्या इसमें आपकी भी सहमति है?

चंपई सोरेन की योजनाओं की वजह से ही आज झामुमो सत्ता में है : उदय सिंहदेव

जिस व्यक्ति ने विषम परिस्थितियों में झामुमो को टूटने और सरकार को गिरने से बचाया, जिनके द्वारा लाए गए मईया सम्मान, 200 यूनिट मुफ्त बिजली, हर प्रखंड में डिग्री कॉलेज एवं किसान ऋण माफी जैसी योजनाओं की वजह से पार्टी दोबारा सत्ता में आई, क्या उन्हें इन सबका यही सिला मिलेगा?

एक ऐसा व्यक्ति, जिसे जनता ने झारखंड टाइगर की उपाधि दी हो, जो 365 दिन, 24 घंटे जनसेवा में जुटा रहता हो, और साढ़े चार दशकों के सार्वजनिक जीवन में जिस पर भ्रष्ट्राचार अथवा किसी भी तरह का गंभीर आरोप नहीं हो, उन पर सवाल उठाने या उनका अपमान करने की आपकी हैसियत ही नहीं है।

निजी महत्वाकांक्षा की वजह से हर चुनाव में बदलते हैं पार्टी

प्रवक्ता महोदय, आप जैसे “हर चुनाव से पहले पार्टी बदलने वाले लोगों” की स्वार्थ एवं निजी महत्वाकांक्षा के सिवा कोई विचारधारा नहीं होती। अगली बार ऐसा दुस्साहस मत कीजिएगा अन्यथाजनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। किसी के निजी जीवन पर अंगुली मत उठाईये, क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव के समय के आपके कार्यकलापों पर अगर सार्वजनिक चर्चा शुरू हो जाए, तो नैतिकता का मुखौटा उत्तर जायेगा ।

वैसे ये बड़बोले प्रवक्ता वोटर लिस्ट और आधार कार्ड का जिक्र कर रहे थे, तो क्या हम लोग झामुमो के उन लोगों की लिस्ट दें, जो अपने विधानसभा क्षेत्र से बाहर चुनाव लड़ रहे हैं? क्या गांडेय से शुरुआत करें? है हिम्मत?

बांग्लादेशी घुसपैठियों की वजह से बदल रही झारखंड की डेमोग्राफी का समर्थक है झामुमो

जिस पार्टी ने लाखों बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा राज्य की डेमोग्राफी बदलने के प्रयासों का समर्थन किया है, वे लोग कागजों पर क्या बात करेंगे? इसी प्रवक्ता के अपने विधानसभा क्षेत्र के चाकुलिया में चार हजार से ज्यादा फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए, इस बात को उपायुक्त ने भी स्वीकार किया, लेकिन उनके परिवारों को खोजने अथवा उन पर कार्रवाई करने की जगह, मामले की लीपा-पोती कर दी गई। क्या इनमें साहस है कि उस मुद्दे पर कुछ बोल सकें?

घाटशिला में एक संप्रदाय विशेष के वोटर 5 गुना कैसे बढ़ा ? झामुमो इसका जवाब दे

आदिवासियों के हितैषी बनने का दंभ भरने वाले ये लोग यह बताएं कि नगड़ी में आदिवासी-मूलवासी किसानों की जमीन कौन छीन रहा था? उस पर बाड़ लगा कर घेरा बंदी का काम किस सरकार ने किया?

संथाल परगना से लेकर छोटानागपुर एवं कोल्हान तक, राज्य की डेमोग्राफी तेजी से बदल रही है। आज घाटशिला में बाकी समुदायों की तुलना में एक विशेष समुदाय के वोटर कई गुना बढ़े हैं, भूमिपुत्रों की जमीनें लूटी जा रही हैं, लेकिन सरकार खामोशी से सब देख रही है। पाकुड़ में आज दो-तिहाई लोग एक विशेष समुदाय के हैं, तो एसपीटी एक्ट लागू होने के बावजूद वे लोग किस की जमीन पर बसे हैं? और कैसे? किस के संरक्षण में?

अपनी माटी, मातृभूमि और यहां के आदिवासियों- मूलवासियों को धोखा दे रहे ये लोग जल, जंगल, जमीन तथा आदिवासियत पर भाषण ना ही दें, तो बेहतर होगा।

Share This News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *