भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेशानंद गोस्वामी ने राज्य सरकार पर बोला हमला, कहा- राज्य की शिक्षा व्यवस्था चरमराई, इंटर की पढ़ाई को लेकर राज्य सरकार की विफलता हुई उजागर
श्री दर्पण न्यूज, जमशेदपुर : झारखंड भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेशानंद गोस्वामी ने झारखंड की बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था पर राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है। शनिवार को जमशेदपुर महानगर के साकची स्थित जिला भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि झारखंड में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह अराजकता की स्थिति में पहुंच गई है, और राज्य सरकार की घोर उदासीनता और कुप्रबंधन के कारण आज प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है। इस दौरान भाजपा जमशेदपुर महानगर के अध्यक्ष सुधांशु ओझा, जिला उपाध्यक्ष संजीव सिन्हा, जिला मीडिया प्रभारी प्रेम झा, सह मीडिया प्रभारी अखिल सिंह मौजूद रहे।
पिछले 6 वर्षों से इंटर मीडिएट को डिग्री से अलग करने के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए डॉ. गोस्वामी ने कहा कि वर्ष 2020 में लाई गई नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत देशभर में डिग्री कॉलेजों से इंटरमीडिएट की पढ़ाई को अलग करने का निर्देश दिया गया था। इस नीति के तहत राज्यों को स्कूलों को अपग्रेड कर इंटर की पढ़ाई की अलग व्यवस्था करने की जिम्मेदारी दी गई। अन्य विभिन्न राज्यों ने यह कार्य समय रहते कर भी लिया गया। लेकिन झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने पिछले साढ़े पांच वर्षों में पर्याप्त आधारभूत संरचनाओं का विकास नहीं किया एवं शिक्षकों की बहाली में भी रुचि नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि झारखंड में इस वर्ष मैट्रिक परीक्षा में पास हुए चार लाख से अधिक विद्यार्थी फर्स्ट ईयर एडमिशन के लिए दर-दर भटक रहे हैं। डिग्री कॉलेजों ने इंटरमीडिएट के दाखिले बंद कर दिए हैं, परंतु राज्य सरकार यह स्पष्ट करने में असमर्थ है कि इन विद्यार्थियों का एडमिशन कहां और कैसे होगा। सरकार के पास न तो पर्याप्त विद्यालय हैं, न शिक्षक, और न ही पढ़ाई के लिए जरूरी कक्षाएं या प्रयोगशालाएं।
1 लाख से अधिक विद्यार्थियों का भविष्य अधर में
डॉ. गोस्वामी ने कहा कि राज्य सरकार की निष्क्रियता के कारण इंटर सेकंड ईयर के विद्यार्थियों की पढ़ाई भी अधर में लटकी हुई है। जिन छात्रों का पंजीयन जैक (झारखंड एकेडमिक काउंसिल) के माध्यम से डिग्री कॉलेजों में हुआ था, अब जब उन कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई बंद हो रही है तो सरकार यह नहीं बता रही कि वे विद्यार्थी कहां पढ़ेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य के डिग्री कॉलेजों में अनुबंध पर काम कर रहे हजारों शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मियों का भविष्य भी अब संकट में है। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि इनका क्या होगा। अन्यथा वे भी सड़क पर उतरने को तैयार हैं।