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कार्यपालक अभियंता के अनुमति के बैगर कोई भी पानी का कनेक्शन मुखिया बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना से अब नहीं देगे : सुबोध झा

श्री दर्पण न्यूज, जमशेदपुर : बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद झारखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त ने शुक्रवार को सुनवाई की. इस दौरान उपायुक्त के समक्ष पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर मैकेनिकल सुनीता सामंत एवं पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता सुमित कुमार की  अनुपस्थिति में JE महेंद्र बैठा हाजिर हुए और अपना पक्ष रखा.

बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना के फिल्टर प्लांट का कार्य पूरा, मोटर डिजाइनिंग का काम बाकी 

J E महेंद्र बैठा ने् उपायुक्त को बताया कि बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना के फिल्टर प्लांट का कार्य पूरा हो गया है. मोटर डिजाइनिंग का काम बाकी है जिसे, मैकेनिकल के कार्यपालक अभियंता द्वारा अप्रूवल के लिए रांची भेजा गया है. 2 महीना में योजना के फिल्टर प्लांट का कार्य पूरा कर शुद्ध पेयजल बागबेड़ा कॉलोनी के 1140 घरों को उपलब्ध करा दिया जायेगा. उपायुक्त के न्यायालय में महेंद्र बैठा ने कहा कि कार्यपालक अभियंता द्वारा आदेश पारित किया गया है कि कोई भी मुखिया बैगर विभाग के कार्यपालक अभियंता के अनुमति के पानी का कनेक्शन किसी को भी अब नहीं देंगे और किसी भी प्रकार का खर्च बैगर कार्यपालक अभियंता के अनुमति का नहीं करेंगे. इसकी चिट्ठी मुखिया राजकुमार गौड़ और उमा मुंडा को दे दी गई है.

बागबेड़ा के दोनों मुखिया को डाक्यूमेंट्स उपलब्ध कराने का निर्देश

बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी में दोनों मुखिया द्वारा अब तक कितने घरों को कनेक्शन दिया गया है. अब तक किस-किस मद में कितने फंड  खर्च किए गए और पासबुक की कॉपी एवं ग्राम जल स्वच्छता समिति के सभी डाक्यूमेंट्स को विभाग में जमा करने की बात महेंद्र बैठा ने कही है.
अभी तत्काल बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना से रौव वॉटर ही सप्लाई की जा रही है, जब तक फिल्टर प्लांट का कार्य पूरा नहीं हो जाता है.

विभाग के बारबार दिये गये झूठे आश्वासन से लोग त्रस्त

सुबोध झा के तरफ से पार्थो पांडा ने अपना पक्ष रखा और आरोप लगाया विभाग  द्वारा बार-बार झूठा समय दिया जा रहा है. इसके पहले 2015-16 में बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना के फिल्टर प्लांट के मरम्मत के लिए 21 लाख 63000 रुपया के लिए आया था. विभाग और पंचायत के द्वारा इस फंड से फिल्टर प्लांट का काम नहीं किया गया और पैसे का गमन कर लिया गया, और फिल्टर प्लांट ध्वस्त हो गया.  ध्वस्त प्लांट का गंदा पानी पिलाने का कार्य पेयजल एवं स्वच्छता विभाग और पंचायत के ग्राम जल स्वच्छता समिति द्वारा किया गया. गंदा पानी पिलाकर लोगों को बीमारी से ग्रसित किया गया है. विभाग और पंचायत द्वारा किसी भी प्रकार का सहयोग बागबेड़ा कॉलोनी के 1140 घरों को स्वच्छ पेयजल पिलाने के लिए सहयोग नहीं किए जाने, आंदोलन को नजर अंदाज करने, सूचना के अधिकार के तहत मांगे सूचना उपलब्ध नहीं कराने , करोड रुपए का गमन करने, और सभी झूठे आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया.

परेशान होकर हाईकोर्ट पहुंचे थे समाजसेवी सुबोध झा व अन्य 

बाध्य होकर जनता के तरफ से सुबोध झा, अजय ओझा, विनय सिंह, विनोद सिंह को झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करना पड़ा.  फिर झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर शुद्ध पेयजल पिलाने को लेकर कोर्ट के आदेश पर एक करोड़ 88 लाख 69710 की स्वीकृति बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी फिल्टर प्लांट के नव निर्माण के लिए प्राप्त हुआ. 29 मार्च 23 को फिल्टर प्लांट का निर्माण कार्य को शुरू किया गया और न्यायालय में 26 जुलाई 2024 को पूरा कर 1140 घरों को शुद्ध पानी पिलाने का कार्य पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को करना था, लेकिन इस कार्य का मेंटेनेंस भी 5 साल तक नहीं किया जा सका. विभाग एवं ग्राम जल स्वच्छता समिति के तरफ से करोड़ों रुपए वसूले गए हैं. 500 से अधिक घरों में अवैध कनेक्शन दिए गए और वैध कनेक्शन के नाम पर 1050 रुपया सिक्योरिटी मनी के तौर पर जमा किया गया है. प्रत्येक महीना 2012 से 20 25 तक ₹100 रुपया प्रत्येक कनेक्शन वाले घर से वसूले गए. फंड की राशि का कोई हिसाब किताब नहीं दिए जाने पर गबन को लेकर याचिका दायर की गई है. सभी की जानकारी भी न्यायालय को उपलब्ध करना है. सोनिया सामंत कार्यपालक अभियंता मैकेनिक ने उपायुक्त को बताया कि मोटर डिजाइनिंग के लिए चीफ इंजीनियर के पास पेपर अप्रूवल के लिए भेजा गया है. अप्रूवल मिलते ही डिजाइनिंग का काम पूरा करके मोटर लगाने का कार्य किया जाएगा. इस कार्य में काम से कम 2 महीने लगेंगे,

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